जो भी होता है अच्छा होता है - hindi motivational story


Hindi Motivational story | Success stories in hindi

जो होता है अच्छे के लिए ही होता - motvational story in hindi

Motivational stories in Hindi

कभी-कभी हमारे जीवन में कुछ ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं , जिससे हमें बहुत कुछ सिखने को मिलता है | ऐसी ही एक घटना मेरे साथ भी घटित हुई |


बात 5 वर्ष पहले की है , उस समय मेरी उम्र लगभग 21 साल रही होगी | मैंने अपना पढाई पूरा कर लिया था , और नौकरी की तलाश कर रहा था | मैंने कई बड़ी-बड़ी कंपनियों में इंटरव्यू दिया और उसमें से अधिकतर इंटरव्यू में सफल भी हो गया | लेकिन पिता जी की वजह नौकरी नहीं कर पाया , क्योंकि उस समय सरकारी नौकरी को ज्यादा महत्व दिया जाता था और इसलिए पिताजी चाहते थे की मैं सरकारी नौकरी करूँ | फिर क्या था , मैं लग गया सरकारी नौकरी की तलाश में | कई फॉर्म भरे , कई बार परीक्षा भी दिया मगर किसी में भी सफल नहीं हो सका | मैं चाहता था की किसी प्राइवेट कम्पनी में नौकरी कर लूँ , लेकिन पिताजी की वजह से मजबूर था |

लगभग एक वर्ष बाद मैं एक परीक्षा में सफल हो गया , पुरे घर में ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा |दो हफ्ते बाद मुझे इंटरव्यू के लिए जाना था | इंटरव्यू दिन के 10 बजे से शुरू होने वाला था , इसलिए मैं सुबह ही अपने घर से निकल गया | मेरा घर एक छोटे से गाँव में था , इसलिए बस नहीं चलती और ट्रेन ही एकमात्र यातायात का साधन था | मैं रेलवे स्टेशन पर जाकर बैठ गया और ट्रेन का इंतजार करने लगा | मैंने लगभग दो घंटे इंतजार किया लेकिन ट्रेन नहीं आयी | अब मेरी बैचेनी और निराशा दोनों बढ़ने लगी , मैंने जाकर स्टेशन मास्टर से पता किया , तो वह बोला की ट्रेन तो रोज अपने समय पर ही आ जाती थी लेकिन आज लेट आएगी |

उसकी बातों से मैं पूरी तरह निराश हो चुका था की अब मैं इंटरव्यू के लिए समय से नहीं पहुँच पाउँगा और हुआ भी वही ट्रेन 11 बजे आई और जब मैं वहां पंहुचा तो 1 बज चुके थे और इंटरव्यू ख़तम हो चुका था | मैंने भगवान को बहुत बुरा-भला कहा ही भगवान मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है | इंटरव्यू छुट जाने के कारण मुझे बहुत दुःख हुआ , इसी दुःख के कारण मैं अपने घर वापस न जाकर अपने एक दोस्त के यहाँ चला गया जोकि वहां से कुछ ही दुरी पर रहता था | जब मैंने उसे अपनी आपबीती सुनाई तो उसे भी दुःख हुआ ,लेकिन उसने मुझे कहा की मैं एक छोटी कंपनी में नौकरी करता हूँ , अगर तु चाहे तो मैं अपने बॉस से बात करके तुझे भी वहां काम दिला सकता हूँ |

मैंने वहां काम करना स्वीकार कर लिया , इससे मेरे परिवार को बहुत दुःख हुआ , खासकर मेरे पिताजी तो मेरे उस फैसले से काफी नाराज थे | वह कंपनी बहुत ही छोटी थी मुश्किल से 20-25 लोग वहां काम करते होंगे | और वहां पैसे बहुत ही कम मिलते थे इसलिए ज्यादा लोग उस कंपनी में आना नहीं चाहते थे | धीरे-धीरे मेरी उन्नति हुई और मैं उस कंपनी का मैनजर बन गया | मेरे मैनजर बनने के लगभग 3 महीने बाद हमारी कंपनी को इतना बड़ा प्रोजेक्ट हाथ लगा की उस छोटी सी कंपनी के साथ-ही साथ मेरा भी भाग्य बदल गया |

आज भी मैं उस कंपनी में मुख्य मैनेजर हूँ , अब इस कंपनी की गिनती देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों में होती है | और उसके साथ मेरी कमाई भी बढ़ गयी है | अब मेरा परिवार बहुत खुश है और मेरे पिताजी भी मेरे उस फैसले से बहुत खुश हैं | और भगवान को धन्यवाद देता हूँ , की अगर उस दिन मेरी ट्रेन नहीं छुटती तो आज मैं छोटी सी सरकारी नौकरी कर रहा होता |

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दोस्तों हमारे जीवन में भी ऐसा ही होता है , थोडा सा कष्ट होने पर हम भगवान को कोसने लगते हैं | लेकिन उस कष्ट के साथ भगवान हमें क्या सन्देश दे रहा है , हम यह समझने की कोशिश नहीं करते | कष्ट तो सभी के जीवन में आते हैं , लेकिन हमें उन कष्टों से दुखी नहीं होना है , बल्कि हमें उस से छुटकारा पाने के बारे में सोचना है |

इस पोस्ट के अंत में मैं कहना चाहूँगा की जब भी कष्ट हो , यह समझ लेना की
" भगवान हमारी सहन शक्ति की परीक्षा ले रहा है | "
तो दोस्तों आशा करता हूँ की यह छोटी सी काल्पनिक कहानी आपको पसंद आई होगी | अगर आप इस तरह की और पोस्ट सीधे अपने ईमेल इनबॉक्स में पाना चाहते हैं , तो हमारे ब्लॉग की सदस्यता निशुल्क लीजिये और पाइए प्रेरणादायक और शिक्षा से सम्बंधित जानकारियां सबसे पहले |

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