विश्वास- Motivational story in hindi


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विश्वास - Motivational Story in Hindi

Hi friends, educational और motivational hindi blog StudyTrac पर आपका स्वागत है , आज की इस पोस्ट में हम "विश्वास" Motivational Story hindi में पढने जा रहे हैं |


दोस्तों विश्वास शब्द चार अक्षरों से बना है , लेकिन बहुत ही शक्तिशाली और महत्वपूर्ण है | विश्वास से ही दुनिया चलती है , माता-पिता को अपने पुत्र पर विश्वास होता है की वृद्धावस्था में वह उनकी सेवा करेगा इसीलिए वह उसका पालन-पोषण करते हैं अगर उन्हें उसपर विश्वास नहीं होता तो वे उसका पालन-पोषण कभी नहीं करते और एक पुत्र को भी अपने माता-पिता पर विश्वास होता है की उसके माता-पिता कभी उसका बुरा नहीं चाहेगें , इसीलिए वह उनके पास रहता है अगर उसे अपने माता-पिता पर विश्वास नहीं होता तो वह कभी अपने माँ-बाप के साथ नहीं रहता | आपको एकलव्य की कहानी तो पता ही होगी | एकलव्य धनुर्विद्या के लिए द्रोणाचार्य के पास गए , लेकिन द्रोणाचार्य ने उनको विद्या देने से इनकार का दिया क्योंकि एकलव्य शुद्र थे और द्रोणाचार्य शूद्रों को विद्या नहीं देते थे | लेकिन एकलव्य द्रोणाचार्य को मन से अपना गुरु मान चुके थे वहां से लौटकर उन्होंने जंगल में ही मिट्टी से द्रोणाचार्य की प्रतिमा बनाया और रोज उसके सामने ही धनुर्विद्या सिखने लगे और एक धनुर्विद्या में अर्जुन से भी आगे निकल गए |

क्या मिट्टी से प्रतिमा बना देने से उसमें द्रोणाचार्य आ गए ? नहीं , लेकिन एकलव्य को विश्वास था की इस प्रतिमा में द्रोणाचार्य हैं और और वह धनुर्विद्या सिख गए | अगर एकलव्य को उस प्रतिमा पर विश्वास नहीं होता तो क्या वह धनुर्विद्या सिख पाते ?

आइये आज की hindi motivational story पढ़ते हैं -


एक गाँव में एक गरीब किसान रहता था, उसका नाम 'धर्मसिंह' था | धर्मसिंह के दो बेटे थे | बड़े बेटे का नाम राम और छोटे बेटे का नाम श्याम था | वे लोग इतने गरीब थे की कभी-कभी उनको खाना भी नहीं मिल पता था | अपनी गरीबी से परेशान होकर उन्होंने शहर जाकर धन कमाने का निश्चय किया |

शहर पहुचकर उन्होंने काफी प्रयास किया की उन्हें कोई काम मिल जाये पर उन्हें कोई काम नहीं मिल सका | श्याम निराश होकर बैठ गया और राम से घर चलने के लिए कहने लगा , राम को विश्वास था की उसे कोई काम जरुर मिल जायेगा | इसलिए उसने श्याम को घर भेज दिया और स्वय नौकरी की तलाश में लग गया , लगभग 1 दिन के बाद के उसे एक फक्ट्री में काम मिल गया और उसका भाई गाँव में वापस आकर फिर से खेती करने लगा |

लगभग दो वर्ष बाद जब राम शहर से वापस आया तो वह काफी धनवान हो चुका था जबकि उसका छोटा भाई श्याम ही स्थिति अभी भी ख़राब थी |

तो दोस्तों अपने देखा , अगर राम को विश्वास नहीं होता , तो वह अभी भी अपने भाई की तरह खेती कर रहा होता और गरीब ही रहता | लेकिन उसे अपने ऊपर विश्वास था और उसे नौकरी मिल गयी |

इस दुनिया में सभी लोग पूजा करते हैं , नमाज पढ़ते हैं तो क्या पूजा करने से और नमाज पढने से भगवान खुश हो जाते हैं ? नहीं लेकिन हमको या सबको विश्वास है की ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं इसलिए हम पूजा करते हैं |

इस पोस्ट के अंत में मैं बस इतना कहना चाहूँगा की दुनिया पर विश्वास हो या न हो अपने आप पर विश्वास होना बहुत जरुर है और आप कोई भी काम करने जा रहें हैं तो अपने आप से पूछिये की क्या मैं यह कर पाउँगा | अगर उत्तर हाँ आये तभी आगे कदम बढ़ाईए और अगर उत्तर ना आये तो आगे मत बढिए , नहीं तो आपका समय बर्बाद होगा | तो दोस्तों यह थी आज की motivational sotry in hindi , अगर पसंद आये हो तो like बटन दबाइए और share जरुर करें |

धन्यवाद पढ़ते रहिये educational और हिन्दी motivational blog StudyTrac.

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