ध्यान-Motivational story in hindi


ध्यान - Preranadayak Kahani hindi me

ध्यान - Motivational Story in Hindi


Hi friends , motivational blog StudyTrac पर आपका स्वागत है , आज की पोस्ट में हम motivational story 'ध्यान' हिंदी में पढने जा रहे हैं |


हिमालय पर्वत पर एक ऋषि का आश्रम था , वहां ऋषि 'संदीपन' और उनके कुछ शिष्य रहते थे | ऋषि मुनि संदीपन प्रतिदिन पूजा-पाठ करके अपने शिष्यों को शिक्षा देते थे और उसके बाद ध्यान लगाते थे | वह बहुत ही क्रोधी स्वाभाव के थे और छोटी-छोटी गलतियों पर श्राप दे देते थे , इसलिए उनके शिष्य उनसे काफी डरते थे इसलिए जब वह ध्यान लगाते थे तब कोई उनका ध्यान भंग करने की हिम्मत नहीं करता था | और उन्होंने आदेश भी दिया था की जब वह ध्यान मुद्रा में हो तब कोई उनका ध्यान भंग करने की कोशिश ना करे चाहे कुछ भी क्यों ना हो जाये | रोज की तरह एक दिन संदीपन मुनि ध्यान लगाये बैठे थे , की अचानक कहीं से एक विषैला बिच्छु आ गया और ऋषि के पैर में डंक मारने लगा | बिच्छू के डंक मारने के बावजूद , संदीपन मुनि का ध्यान भंग नहीं हुआ और वह ध्यान में ही लगे रहे | जब उनके एक शिष्य ने देखा तो उसने सोचा की ऋषि को बता दूँ , लेकिन ऋषि के श्राप के डर से बता नहीं पाया |

जब काफी देर बाद ऋषि अपनी ध्यान मुद्रा से वापस आये तो , उसने ऋषि से एक सवाल किया , "गुरुदेव , जब आप ध्यान में थे तब एक विषैला बिच्छू आपको डंक मार रहा था , उसके बावजूद आपका ध्यान भंग नहीं हुआ, क्या आपको कष्ट नहीं हुआ ? "

संदीपन मुनि पहले तो मुस्कराये , उसके बाद उन्होंने जवाब दिया ," बेटा तुम यह जानना चाहते हो की मुझे कष्ट क्यों नहीं हुआ और मेरा ध्यान भंग क्यों नहीं हुआ , तो सुनो मेरा ध्यान इसलिए भंग नहीं हुआ क्योंकि मुझे कष्ट नहीं हो रहा था , और मुझे कष्ट इसलिए नहीं हो रहा था क्योंकि मैं ध्यान में लीन था , मेरा तन और मन दोनों प्रभु की सेवा में लगा हुआ था , तुमको देखने में लग रहा था की मैं यहाँ बैठा हूँ लेकिन मैं तो यहाँ था ही नहीं , मेरी आत्मा अपने लक्ष्य परमेश्वर की साधना में लीन थी और मैं यहाँ था ही नहीं तो दर्द कैसे होता ? "

दोस्तों ठीक इसी तरह हमारे जीवन में भी होता है , कष्ट और दुःख सबके जीवन में आता है और इस ब्रहमांड में कोई भी ऐसा नहीं होगा जो कभी दुखी नहीं हुआ हो , लेकिन हमें दुःख पर नहीं , अपने लक्ष्य ध्यान देना है और हमेशा आगे बढ़ते रहना है | और इस बात को याद रखें की आप जितना अपने दुखों पर ध्यान देंगे , उतना ही दुखी होंगे |

और इस दुनिया में जितने भी लोग सफल हुए है वह कभी-न-कभी दुखी थे जैसे- एप्पल के founder स्टीव जॉब्स पहले बहुत गरीब थे , उनके पास रहने के लिए घर नहीं था तो अपने दोस्त के घर रहते थे और जमीन पर सोते थे लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान दिया , अपने दुखों पर नहीं और आज एप्पल दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है , बॉलीवुड स्टार धर्मेन्द्र पहले एक रेलवे क्लर्क थे लेकिन अपने मेहनत के बल पर आज सुपर स्टार बन गए , सुपरस्टार रजनीकांत ने बढ़ई, कुली और बस कंडक्टर जैसे कामों को किया है और मिथुन चक्रवर्ती पहले एक नक्सलवादी थे लेकिन सभी सफल हुए |

इसलिए इतना याद रखिये की

"सभी असफल ही पैदा होते हैं ,लेकिन जो मेहनत करता है , वह सफल हो जाता है "

तो दोस्तों यह था आज का पोस्ट , अगर आपको पसंद आया हो तो like और share जरुर करें |

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धन्यवाद ! पढ़ते रहिये StudyTrac

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